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सोमवार, 13 जून 2011

अनशन के नौ दिन और आम आदमी !

चार जून से बड़े उत्साह में अनशन पर आये बाबा रामदेव बारह जून को अनशन तोड़ते तोड़ते उत्साहहीन हो गये.नौ दिन अनशन के........एक योग गुरु की यह हालत?हमारे गांव में नवदुर्गा व्रत के दौरान बिना कुछ खाये रह कुछ लोग कठिन कार्य निपटाते हैं.लोग कहने लगे है कि योग गुरु के स्वास्थ्य की यह हालत ?जो दस सालों से न जाने क्या क्या दाबा कर रहा था.



खैर, जान है तो जहान है.वैसे भी काले धन को लेकर लड़ाई अभी काफी लम्बी है.साथ में राजनैतिक सिस्टम में भारी मात्रा में बदलाव की आवश्यकता है.हमें विश्वास है बाबा रामदेव मरते दम तक हिम्मत नहीं हारेंगे.स्वस्थ होने के बाद फिर अपने मिशन को आगे बढ़ायेंगे.दुनिया भर के उनके शुभचिन्तक चाहने लगे थे कि बाबा अपनी अस्वस्थता के चलते अनशन को तोड़ें.काला धन व भ्रष्टाचार पर देश में माहैल बनाने मेँ योगदान हमेशा चिरस्मरणीय रहेगा.



हमें लगता है कि आम आदमी सिर्फ अपने व अपने परिजनों के शारीरिक आवश्यकताओं के लिए जीना चाहता है . उसे काले धन व भ्रष्टाचार सम्बन्धी व अन्य मुद्दों से कोई मतलब नहीं है.उसे तो तुरन्त का लाभ चाहिए ,अपने व परिजनों की वर्तमान आवश्यकताओं के सम्बन्ध मेँ.नब्बे प्रतिशत से भी ऊपर व्यक्ति को सिर्फ रोटी कपड़ा मकान के लिए जी रहा है.उसकी धार्मिकता तक सिर्फ शारीरिक ऐन्द्रिक आवश्यकताओं के लिए है.

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