Powered By Blogger

रविवार, 14 जुलाई 2013

प्रसिद्ध इतिहासकार विलियम डेलरिंपल की अफगानिस्तान पर नजर व दक्षेस की एक चुनौती .

दक्षेस के समक्ष अनेक समस्याएं हैँ जिनमेँ से एक प्रमुख समस्या है
-अफगानिस्तान मेँ अन्तर्विरोध .


प्रसिद्ध इतिहासकार विलियम डेलरिंपल के अनुसार परेशानी अमेरिका और
तालिबान के बीच नहीँ है ,इस क्षेत्र की बड़ी समस्या भारत व पाकिस्तान के
बीच की है.भारत व पाकिस्तान की 60वर्षोँ से चली आ रही दुश्मनी ही
अफगानिस्तान की मौजूदा लड़ाई का आधार है.ये नाटो और दूसरी तरफ अलकायदा और
तालिबान की लड़ाई नहीँ है .ये क्षेत्रीय समस्याओँ पर आधारित लड़ाई है .फॉज
जटिल तनावोँ के बीच फंसी हुई है-एक क्षत्रीय दूसरा मुल्क की आन्तरिकता .


डेलरिंपल साहब कहते है कि असली समस्या भारत पाक को लेकर सम्बंधोँ
के बीच इस जंग मेँ बहुत भीतर तक घुस चुके अमेरीका ,ब्रिटेन ,नाटो अब इसे
छोंड़कर जाने की तैयारी कर रहे हैँ .जबकि भारत पाक को यहीँ डटे रहना है
.सीधा सादा सच यह है कि तालिबान अफगानिस्तान मेँ जो कर पा रहे हैँ वह
सिर्फ इसी वजह से कि उन्हेँ पाकिस्तान का समर्थन मिल रहा है और पाकिस्तान
के फौजी अफसर उनका समर्थन सिर्फ इसलिए कर रहे हैँ ,क्योँकि उन्हेँ लगता
है कि वे भारत के खिलाफ इनका इस्तेमाल कर सकते हैँ .उनकी समस्या एक तो
दक्षिण अफगानिस्तान मेँ भारत की भारी मौजूदगी है और दूसरी ओर काबुल मेँ
भारत समर्थित सरकार है .पाकिस्तान के फौजी अफसरोँ को लगता है कि
अफगानिस्तान और कश्मीर को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा और सस्ता तरीका
जेहादियोँ का इस्तेमाल .


राष्ट्रवादी भारतीय मुसलमान गैरमुसलमानोँ के काफी नजदीक है .वह
गैरमुसलमानोँ के दर्द को जानता है .जो सच से मुकरे वह काफिर है .अपने को
मुसलमान मानने वाला भी काफिर हो सकता है .दक्षेस को विकास की धारा से
जोड़ने के लिए धर्मनिरपेक्ष नेताओँ की ही आवश्यकता है .अभी जल्द
संयुक्तराष्ट्र मेँ सम्बोधित करने वाली तालिबान के खिलाफ आवाज बुलंद
करने वाली पाकिस्तानी किशोरी मालाला युसुफजई ने अपने पहले सार्वजनिक भाषण
मेँ कहा है कि वह महात्मा गांधी के अहिँसा मार्ग से प्रेरित है . दूसरी
ओर पाक से समाचार आया है कि पाक एक ऐसी नई सुरक्षा नीति पर काम कर रहा
है जिसमेँ भारत सहित अन्य पड़ोसी देशोँ मेँ आतंकी हमलोँ मेँ शामिल
आतंकवादी संगठनोँ को प्रतिबंधित करने सहित अन्य उपाय शामिल हैँ .


दक्षेस स्तर पर क्या होना चाहिए?दक्षेस स्तर पर एक ऐसा ग्रुप तैयार
होना चाहिए जो दक्षेस के नेताओँ व दलोँ पर दक्षेस मेँ शान्ति व विकास हित
दबाव डाल सके ,दक्षेस मेँ एक कानून ,एक मुद्रा ,एक सेना,एक राष्ट्रपति
आदि की व्यवस्था के लिए प्रेरित कर सके .कट्टरवाद का खात्मा कर सके.
--
संस्थापक <
manavatahitaysevasamiti,u.p.>