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मंगलवार, 24 जनवरी 2012

मतदाता दिवस : हम क्योँ मतदान करेँ ?

आज मतदान दिवस है . हम क्यों मतदान करेँ ?वर्तमान मेँ जो मतदान करते हैँ वे क्या जागरुक मतदाता है?हम क्या जागरुक नहीँ हैं ? कि हम ये निश्चित नहीँ कर पा रहे हैँ कि हम किसे वोट देँ ?जो चुनाव मेँ खड़े होते हैँ वे क्या अपराधियोँ ,मिलावटखोरोँ,दूध मिलावटखोरोँ ,नकली दवाई बिक्रेताओँ, वन माफियोँ ,शिक्षा माफियोँ ,जातिवादियोँ ,सम्प्रदायवादियोँ ,आदि का नेतृत्व नहीँ करते ?

यहाँ तीन मार्च को विधानसभा का चुनाव है. आज जो कह रहे है कि मतदान आवश्यक है ,उनसे मेँ 02मार्च को सभी उम्मीदवारोँ के ब्योरा साथ बात करने को तैयार हूँ कि मैँ क्योँ किसी को वोट दूँ ? मेरी कसौटी पर तो कोई खरा नहीँ उतरता तो मैँ किसे वोट दूँ ?मैँ नशाखोरोँ ,अपराधियों ,जातिवादियोँ ,आदि का नेतृत्व व संरक्षण करने वालोँ को कैसे वोट दे सकता हूँ ?यदि ऐसे मेँ मैँ जब किसी को वोट नहीं दे सकता तो क्या मैँ अलोकतान्त्रिक हूँ ?क्या अपराधियोँ ,विभिन्न क्षेत्रोँ के माफियाओं , आदि को वोट देना क्या लोकतांत्रिक है ?


इस देश मेँ जिस दिन बुद्धिजीवियोँ व मानवतावादियोँ के हाथोँ नेतृत्व आयेगा तभी देश का उत्थान होगा व पुन: जगतगुरु बनेगा..

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सोमवार, 23 जनवरी 2012

सुभाष जयन्ती :जनता के दिलोँ मेँ अब भी सुभाष

सोमवार , 23 जनवरी 2012ई0; आज देश नेता जी सुभाष चन्द बोस को याद कर रहा है .सुभाष बाबू की याद आते ही हमेँ सन 1937ई से कांग्रेस का चरित्र संदिग्ध लगने लगता है .सुभाष जी की प्रसिद्धी को तब ही कांग्रेस सम्भवत: पचा नहीँ पा रही थी ? जापान पर अमेरिका द्वारा परमाणु हमला के बाद जापान के सहयोग से 'दिल्ली चलो' अभियान प्रारम्भ करने वाले सुभाष बाबू ब्रिटिश सेना से जंग बीच मेँ ही छोंड जब बापस जापान जाने लगे तो ब्रिटिश सरकार के अधीन रेडियो चैनल्स ने कह मजाक उड़ायी कि 'दिल्ली चलो ' का नारा देने वाले वापस लौट चले है और.....?! तब सुभाष बाबू ने कहा कि 04 फरबरी का इन्तजार कीजिए .


इसके बाद क्या हुआ ? इतिहास गवाह है .नौसेना विद्रोह ........?! भारत मेँ ब्रिटिश शासन के स्तम्भ और कर्मचारी हड़ताल पर उतारु हो गये .आजाद हिन्द सरकार व फौज के कर्मचारियोँ के खिलाफ ब्रिटिश कार्यवाही से देश की जनता व भारतीय कर्मचारी बैखला गये और भारत छोड़ो आन्दोलन सुभाषमय व समाजवादी होकर काफी तीव्र हो गया था .

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मंगलवार, 10 जनवरी 2012

कुर्बानियोँ के ढेर पर !

हम रहेँ चाहेँ न रहेँ ,
मगर देश रहना चाहिए .
कुर्बानियोँ के ढेर पर

अब हमेँ सज जाना चाहिए !


अन्ना हो या रामदेव ,
हर किसी को तेरा प्यार चाहिए .
देश हित बुलन्द आवाज जो


उससे अपना स्वर मिलाना चाहिए.


इतिहास है गवाह

कुर्बानियोँ ने ही सजाया देश है .
निजस्वार्थोँ को त्याग कर


मानवता का हो जाना चाहिए.

हम मनुज सब एक हैँ ,
हर वस्तु को बनाया खुदा ने .
तो क्योँ करेँ नफरत किसी से

बस ,सच्चाई हित जी जाना चाहिए .

कुर्बानियोँ से भी क्योँ डरेँ ?

कुर्बानियोँ के ढेर पर -

अब हमेँ सज जाना चाहिए ,


अब हमको सज जाना चाहिए

कुर्बानियोँ के ढेर पर

अब हमको सज जाना चाहिए ,
हम रहेँ चाहेँ न रहेँ

देश रहना चाहिए . .

शुक्रवार, 6 जनवरी 2012

हमारा विधायक कैसा हो? :अशोक कुमार वर्मा 'बिन्दु' आदर्श बाल विद्यालय इण्टर कालेज ,मीरानपुर कटरा ,शाहजहाँपुर .उप्र

हमारा विधायक कैसा हो ?हम चाहते हैँ कि हमारा विधायक चुनाव से पूर्व अपना व्यक्तिगत घोषणापत्र नोटरी शपथपत्र के साथ नामांकन के वक्त जमा करे,जिसमेँ यह हो कि यदि मैँ अपने घोषणापत्र के अनुसार कार्य करने मेँ असफल रहा तो अपने पद से इस्तीफा दे दूँगा . नामांकन से पूर्व मेरा विधायक अपना नारको परीक्षण , ब्रेन मेपिँग ,आदि जांच कराकर उसकी रिपोर्ट नामांकन पत्र के साथ जमा कर चुका होगा . वह अपने क्षेत्र की जनता के साथ जाति ,मजहब ,वोट राजनीति ,आदि के आधार पर भेदभाव न कर संवैधानिक दायरोँ मेँ रहकर कार्य करेगा . उसके विधिसाक्षर होने के नाते विधानसभा मेँ उसकी शपथ मात्र एक औपचारिकता नहीँ होगी.वोट की राजनीति से ऊपर उठ कर वह प्रति विधान सभा सत्र मेँ क्षेत्र की समस्याओँ को अनिवार्य तौर पर रखते हुए बाढ़ प्रकोप,खाद्य मिलावट ,दूध मिलावट ,नकली दवाईयोँ,आदि पर अपनी बात दमदारी से कहेगा .पुवायां तहसील को जिला बनाने व रुहेलखण्ड राज्य के प्रस्ताव को विधान सभा मेँ अवश्य रखेगा .यदि थाने की राजनीति करना विधायक का कानूनी कर्तव्य नहीँ है तो वह थाने की राजनीति कदापि नहीँ करेगा .

अशोक कुमार वर्मा 'बिन्दु '

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