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मंगलवार, 29 मई 2012

देश के नासूर : साम्प्रदायिकता व भ्रष्टाचार

इसके लिए दोषी हैँ नब्बे प्रतिशत नेता !

---------- Forwarded message ----------
From: KhabarIndiya <admin@khabarindiya.com>
Date: Sat, 19 May 2012 02:23:51 -0400
Subject: देश के नासूर: सा प्रदायिकता व भ्रष्टïाचार and more
To: akvashokbindu <akvashokbindu@gmail.com>

*

*** देश के नासूर: सा प्रदायिकता व भ्रष्टïाचार and more -
http://www.khabarindiya.com/

** In This Issue...

- देश के नासूर: सा प्रदायिकता व भ्रष्टïाचार

- क्षेत्रीय दलों की यह कैसी धर्म निरपेक्षता

- अमन की बात

- मां तो बस मां ही होती है

- शायद!

- यूनिवर्सिटी पॉलीटेक्निक में स्वरचित कविता प्रतियोगिता का भव्य आयोजन

- कंधे पर नदी

- अगर पेड़ में रुपये फलते

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** देश के नासूर: सा प्रदायिकता व भ्रष्टïाचार -
http://feedproxy.google.com/~r/khabarindiya/~3/wT2zNrjVlFA/4217_desh_dunia

भारतवर्ष एक ओर जहांविश्व के कुछ गिने-चुने विकसित देशों के बराबर खड़े
होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, वहीं दुर्भाग्यवश इसी देश में कुछ
समस्याएं ऐसी हैं जो हमारे देश के विकास के लिए बाधा साबित हो रही हैं।
इनमें जहां देश में सा प्रदायिक शक्तियों का निरंतर होता जा रहा विस्तार
एक अहम समस्या है, वहीं भारतवर्ष में लगभग सभी क्षेत्रों में फैला
भ्रष्टïाचार भी सा प्रदायिकता से कम $खतरनाक नहीं है। हम भारतवासी केवल
इस बात के लिए $खुदा के शुक्रगु$$जार हो सकते हैं कि स भवत: $िफलहाल इस
देश के प्रधानमंत्री, राष्टï्रपति तथा भारत के मु य न्यायाधीश व लोकसभा
अध्यक्ष जैसे पदों पर ऐसे कोई व्यक्ति विराजमान नहीं हुए जिनपर
भ्रष्टïाचार के आरोप सिद्ध हुए हों। अन्यथा भ्रष्टïाचार के प्रसार तथा
विस्तार की सीमाओं को तो शायद आंका…

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** क्षेत्रीय दलों की यह कैसी धर्म निरपेक्षता -
http://feedproxy.google.com/~r/khabarindiya/~3/jCvQn1o9Mkg/4216_desh_dunia

यदि हम भारतीय जनता पार्टी तथा शिवसेना के अतिरिक्त देश के अन्य राजनैतिक
दलों की बात करें तो लगभग सभी ने अपने अपने संगठनों को स्वयंही धर्म
निरपेक्ष राजनैतिक दलों की उपाधि दे डाली है। इन दलों द्वारा अपने को
धर्मनिरपेक्ष साबित करने के लिए ही समय-समय पर विभिन्न राजनैतिक अखाड़ों
में तरह तरह के प्रयोग किए जाते रहे हैं। उदाहरण के तौर पर वी.पी. सिंह,
भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से देश केप्रधानमंत्री बने। यानी बो$फोर्स
मामले में कथित रूप से भ्रष्टïाचार में आकंठ डूबी कांग्रेस जो कि स्वयं
को भी देश का सबसे बड़ा धर्म निरपेक्ष दल मानती है, को सत्ता से हटा कर
एक धर्म निरपेक्ष मोर्चा (वी.पी.सिंह के नेतृत्व में) ने कथित रूप से सा
प्रदायिक माने जाने वाले संगठन भारतीय जनता पार्टी से हाथ मिलाकर $गैर
कांग्रेस वादी गठबन्धन…

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** अमन की बात -
http://feedproxy.google.com/~r/khabarindiya/~3/LfH6R_e9jdY/4214_sahitya_khabar

(कविता)

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** मां तो बस मां ही होती है -
http://feedproxy.google.com/~r/khabarindiya/~3/djwu9NEs_Ds/4213_sahitya_khabar

मां तो बस मां ही होती है

मां प्रभु की इनायत होती है

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** शायद! - http://feedproxy.google.com/~r/khabarindiya/~3/oSxvAVJPjIE/4212_sahitya_khabar

शर्मिष्ठा ने सारी उम्र सेवा में बिताई. शादी से पहले अपनी मां के…

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** यूनिवर्सिटी पॉलीटेक्निक में स्वरचित कविता प्रतियोगिता का भव्य आयोजन
- http://feedproxy.google.com/~r/khabarindiya/~3/bIHJ6V2Yhgw/4211_sahitya_khabar

मुरादाबाद: तीर्थंकर महावीर यूनीवर्सिटी के माननीय कुलाधिपति श्री सुरेश
जैन जी, ग्रुप वाइस चेयरमेन श्री मनीष जैन जी,कुलपति प्रो. आर.के. मित्तल
जीतथा कुलसचिव प्रो. आर.के. मुदगल जी की प्रेरणा एवं पॉलीटेक्निक कालेज
के प्राचार्य प्रो. टी.पी. अग्रवाल, डीन एम. आर. खुराना और सहायक कुलसचिव
नितिन अग्रवालके विशेष सहयोग से पॉलीटेक्निक कालेज के प्रथम एवं द्वितीय
वर्ष के छात्र-छात्राओं के लिए स्वरचित कविता प्रतियोगिता का आयोजन
दिनांक ९ मई बुधवार, अपरान्ह २ बजे, लेक्चर थिएटर में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ सर्वश्री माहेश्वर तिवारी, शचीन्द्र भटनागर, महेश
दिवाकर,प्राचार्य प्रो. टी.पी. अग्रवाल, एम. आर. खुराना, एस. सी. सिंघल,
नितिन अग्रवाल द्वारा माँ सरस्वती की अर्चना एव वंदना से हुआ।

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** कंधे पर नदी -
http://feedproxy.google.com/~r/khabarindiya/~3/5rhDTmBkxGU/4210_sahitya_khabar

यदि हमारे बस में होता

नदी उठाकर घर ले आते

अपने घर के ठीक सामने

उसको हम हर रोज बहाते|

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** अगर पेड़ में रुपये फलते -
http://feedproxy.google.com/~r/khabarindiya/~3/ZbIKPr0gqZA/4209_sahitya_khabar

टप् टप् टप् टप् रोज टपकते|

अगर पेड़ में रुपये फलते|

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