Powered By Blogger

शनिवार, 25 जनवरी 2020

जय संविधान सभा!!!जय संविधान प्रस्तावना!!!

47 से पहले47 के बाद : आजादी का मतलब देखो मेरे यार!!!
@@@@@@@@@@@@@@@@

उस वक्त सत्ता के संग राजाराम ,
करा गया सती प्रथा का अंत छुआ छूत विराम!
बामनों के संग चलने का आराम,
मेहतर जाटव को सीना तान चलने का फरमान!!
ज्योतिबा फुले, दयानन्द की जान के प्यासे न,
प्यासे न थे अंग्रेज न मुसलमान!!
47 से पहले47 के बाद,
आजादी का मतलब देखो मेरे यार!!
अम्बेडकर पढ़ लिख गए-
इक छत्र कृपा अंग्रेजी के राज,
सामाजिक तन्त्र यहां तो -
अब भी जाति पांति का ले हथियार!!
अंग्रेजी शिक्षा पढ़ -
स्वतन्त्रता, न्याय और समता का संविधान;
अब भी देखो-गांव शहर के बदमाश,
थाना नेता के बन बैठे खास!!
संविधान की जो भाषा बोले-
अब तो उन पर देखी गोली की बौछार!
नेता ठेकेदार मिलीभगत -
ईमानदार इंजीनियर पत्रकार को दें विष पान!!
समझ न आये आजादी का मतलब,
तन्त्र में बैठा चापलूस कुर्सी पान चबाए!
गलियों के गुंडे-जाति बल-
जन प्रतिनिधियों के खास!!
हम भैया तब ज्योतिबा कबीरा संग,
आज भी तलाशत फिरत-
इंसानियत का छांव!!
जय हो जय हो-संविधान प्रस्तावना,
सम्पूर्ण प्रभुत्वसंपन्न समाजवाद!
पन्थनिरपेक्ष लोकतन्त्रात्मक गणराज्य-
हमारी संविधान सभा ही सर्फ हमार!!!
जय हो जय हो लोकतंत्र,
उठ जाए सामजिकता की अर्थी,
छा जाय मानवता व संविधान का तन्त्र!!
.
.

सामजिकता के दंश!!
www.ashokbindu.blogspot.com