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शुक्रवार, 20 अक्तूबर 2017

हमारी कोई शरहद नहीं::अशोकबिन्दु

[20/10, 1:21 p.m.]



Ashok Kumar Verma"bindu":



 बांध क्यों लिया तुमने खुद को शरहदों में?

हाड़ मास  के परे जरा समझो तो जीवन को,

तुम प्रेम जिसे कहती,आकर्षण जिसे कहती --

जानो तो उसके मूल स्रोत को!!

कृष  को समझो तो,

जहां से आये तरंगों को--

तुमने जो कह डाला प्रेम,

उसको क्यों सीमेट दिया-- हाड़ मास में!


#कबीरापुण्य