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शनिवार, 25 जनवरी 2014

जन जब तक अस्वस्थ जनतंत्र तब तक अस्वस्थ !

आखिर चुनाव के दौरान ध्रुवीकरण मेँ जनमत क्योँ ? ये उसकी अस्वस्थता
के कारण . जाति व मजहब के आधार पर मतदान एक रोग .

---------- Forwarded message ----------
From: manoj saxena <manojsaxena541@gmail.com>
Date: Sat, 25 Jan 2014 17:39:44 +0530
Subject: KATRA
To: akvashokbindu <akvashokbindu@gmail.com>, akvashokbindu
<akvashokbindu@yahoo.in>





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manavatahitaysevasamiti,u.p.>

शुक्रवार, 24 जनवरी 2014

25 जनवरी , मतदाता दिवस : जन चाहे तो जनतंत्र बदल दे!

जनतंत्र यानी की 'डोर टू डोर सर्विस' . यह नहीँ कि 'जन' को
विधायक,सांसद आदि जब जरुरत है लेकिन वह ढूढता रह जाए और उसका काम न हो
पाए . जनतंत्र मेँ 'जन' मालिक है व जनप्रतिनिधि सेवक . मतदान मेँ
प्रतिशत गिरावट का कारण मतदाता की तंत्र , नेताओँ व अधिकारियोँ प्रति
असंतोष है लेकिन यही असंतोष जनतंत्र मेँ बदलाव का कारण भी हो सकता है.यदि
इस असंतोष के खिलाफ मतदाता एक जुट होकर अपने प्रत्याशी स्वयं चुयनित कर
चुनाव मेँ उतारता है ..जाति मजहब के नाम पर ध्रूवीकृत न होकर समाज व देश
के लिए वोट करे ....

www.manavatahitaysevasamiti.blogspot.com


जय मानवता !

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बुधवार, 22 जनवरी 2014

23 जनवरी ::मोदी को सुभाष पर कुछ तो बोलना चाहिए .

आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर हम कहना चाहेँगे कि
उनकी मृत्यु सम्बंधी कागजोँ को सार्वजनिक न करने ऐसा क्या कारण है जिससे
कोई एक देश नाराज हो जाएगा ? भाजपा की ओर से भावी प्रधानमंत्री नरेन्द्र
मोदी भी इस पर खामोश , आखिर ऐसा क्योँ ?

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