Powered By Blogger

बुधवार, 21 फ़रवरी 2018

हाड़ मांस के बाद का सम्बंध???

नारी शक्ति को भी अपनी निजता प्रति सजग होने की जरूरत::हाड़ मास के बाद का सम्बंध!!
@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@

किसी ने कहा है कि किसी स्त्री का शिष्य होना क्रांति कारी है.सदियों से स्त्री को पुरुष के अधीन रखने  की तो साजिशें रची जाती रहीं. भौतिक/हाड़ मांस/आदि हेतु. लेकिन हम सब हाड़ मांस के बाद के सम्बन्धों की ओर नहीं बढ़ पाए. शिष्य होना उसका क्रांतिकारी क्यों है? डॉक्टर व डॉक्टर की ट्रेनिग लेने वाले में कितना फर्क है?वही फर्क है-शिष्य व गुरु में?गुरु मालिक है,शिष्य मालिक होने की ओर है. कोई फर्क नहीं?मालिक कैसे??मालिक गुरुता का!जीवन यात्रा का!जीवन का!वर्तमान का!भविष्य का!अन्तरप्रकाश का!विकास का!सार्वभौमिक यात्रा का!अनन्त यात्रा का!!आदि आदि!!! स्त्री का शिष्य होना क्रांति कारी इस लिए है क्योंकि मानव जीवन की शुरुआत,मध्य व अंत वही है.वही परिवार का आधार है,वही मानव व बच्चों की मित्र है.उसकी स्त्रैणता अर्थात सेवा, ममता, प्रेम, स्नेह, सहचर्य, मित्रता, सहयोग आदि मानव जगत की आवश्यकता है.मानव ,स्त्री हो या पुरुष अपनी निजता/अपनी सम्पूर्णता/अपने अल/अपने all/अपनी सवभौमिक्ता/अपने मूल(वेद)/आदि से दूर हुआ है,उसकी कल्पना/अहसास/अनुभव/आदि से दूर हुआ है..हमें विशेष रूप से स्त्री को समझना होगा-हम एक यात्रा का हिस्सा है.हमारा व हमारे परिजनों का हाड़ मांस शरीर सिर्फ एक पड़ाव है.
#शेष
.
#कबिरापुण्य
.
.
www.heartfulness.org