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मंगलवार, 10 जनवरी 2012

कुर्बानियोँ के ढेर पर !

हम रहेँ चाहेँ न रहेँ ,
मगर देश रहना चाहिए .
कुर्बानियोँ के ढेर पर

अब हमेँ सज जाना चाहिए !


अन्ना हो या रामदेव ,
हर किसी को तेरा प्यार चाहिए .
देश हित बुलन्द आवाज जो


उससे अपना स्वर मिलाना चाहिए.


इतिहास है गवाह

कुर्बानियोँ ने ही सजाया देश है .
निजस्वार्थोँ को त्याग कर


मानवता का हो जाना चाहिए.

हम मनुज सब एक हैँ ,
हर वस्तु को बनाया खुदा ने .
तो क्योँ करेँ नफरत किसी से

बस ,सच्चाई हित जी जाना चाहिए .

कुर्बानियोँ से भी क्योँ डरेँ ?

कुर्बानियोँ के ढेर पर -

अब हमेँ सज जाना चाहिए ,


अब हमको सज जाना चाहिए

कुर्बानियोँ के ढेर पर

अब हमको सज जाना चाहिए ,
हम रहेँ चाहेँ न रहेँ

देश रहना चाहिए . .

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