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शनिवार, 20 जून 2020

अशोकबिन्दु भईया :: दैट इज?..?!पार्ट08

  05 अक्टूबर 1994 ई0 को पहला विश्व शिक्षक दिवस मनाया गया।

उस वक्त हम एस एस कालेज,शाहजहाँपुर में साहित्यकार व बीएड विभागाध्यक्ष आकुल जी के मार्गदर्शन में उनके मकान पर था।
सत्र 1993-94ई0 में हमारा बीएड रहा।इसके बाद सत्र 1994-95 में एम ए प्रथम वर्ष, अर्थशास्त्र व सत्र 1995-96ई0 में एम ए द्वितीय वर्ष/फाइनल, अर्थशास्त्र।इस दौरान भी हम शिक्षण कार्य से भी जुड़े थे।कालेज से आने के बाद सायंकाल को हम एक विद्यार्थी को सांख्यकी में देखते थे।

01जुलाई 1996ई0 से हम नियमित नगर से बाहर एक गांव के स्कूल में नियमित शिक्षण कार्य करने लगे। अभी तक शिक्षक वर्ग हमारे लिए सम्माननीय था।जब हमने स्वयं उस वर्ग में अपना कदम रखा तो नजरिया बदला।


नबम्बर 2002ई0 तक हम विद्याभारती योजना सम्बद्ध विद्यालयों में रह शिक्षण कार्य किए।

इस दौरान अनेक खट्टे मीठे अनुभव रहे। शिक्षण के पहले वर्ष हम परमात्मा गंगवार कक्षा08 ,सुतापा बैरागी कक्षा 08 आदि हमारे प्रिय विद्यार्थियों में से रहे।अगले वर्ष से इस लिस्ट में अन्य नाम और जुड़े-अनामिका मिश्रा जिनमें से प्रमुख थी।जो कक्षा03 में थी।




विद्या भारती योजना के अंतर्गत विद्यालय व्यबस्था से निकल हम डेढ़ वर्ष मखानी  इंटर कॉलेज मुड़िया अहमदनगर बरेली में रहे।इस दौरान हमने अपने को शिक्षण वर्षों के बेहतर स्थिति समय में पाया।

01जून2004ई0 को आदर्श बाल विद्यालय इंटर कॉलेज मीरानपुर कटरा के इंटरव्यू में हम शामिल हुए इस इंटरव्यू की सूचना हमने दैनिक जागरण समाचार पत्र में पढ़ी थी।

हमें शिक्षण कार्य करते अब25वर्ष से अधिक होने को आये हैं।



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