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शुक्रवार, 18 जून 2021

18-21 जून विश्व योगा दिवस स्मृति कार्यक्रम पर्व::अशोकबिन्दु

 हमारे लिए 18-21 जून काफी वर्ष पहले से ही अति महत्वपूर्ण रहा है।


रानी लक्ष्मी बाई पुण्य तिथि पर्व!!

श्रुति कीर्ति जन्म दिन !!

अन्य पर्व!!!


19जून को......

संघर्ष के दौरान यौन हिंसा के उन्मूलन हेतु अंतरराष्ट्रीय दिवस!

विश्व सिकल सेल दिवस!

राष्ट्रीय भाषा हिंदी के उन्नयन, प्रखर, चिंतक, स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी माधव राव सप्रे का जन्म 19 जून 1871 को!

अन्य पर्व!!



20 जून........


विश्व शरणार्थी दिवस!

विश्व सर्फिंग दिवस!

20 जून 356 ई0 पूर्व सिकन्दर(अलक्षेन्द्र)का जन्म!

20 जून 1929ई0 बाल विवाह प्रतिबंध अधिनियम को इम्पीरियल लेजिसलिटिव काउंसिल ऑफ इंडिया में पेश व 28 सितम्बर 1929 को पारित।

अन्य पर्व!!



21 जून......


अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस!

विश्व मानवतावादी दिवस!!

विश्व संगीत दिवस!!

विश्व सेल्फी दिवस!

विश्व हैड्रोग्राफी दिवस!!

21 जून 1912 को विष्णु प्रभाकर का जन्म!!

21जून 1932 को जगन्नाथ रत्नाकर का देहांत!!

अन्य पर्व!!



18-21 जून 2021ई0!!

------------------------------------#अशोकबिन्दु

18 जून 2021:: श्री दुर्गा अष्टमी व्रत!मां धूमावती जयंती!!कन्या पूजन व भोज कार्यक्रम।श्रुति कीर्ति जन्म दिन।।

रानी लक्ष्मीबाई पुण्य तिथि स्मरण पर्व।

19जून2021::


संघर्ष के दौरान यौन हिंसा के उन्मूलन हेतु अंतरराष्ट्रीय दिवस!

विश्व सिकल सेल दिवस!

राष्ट्रीय भाषा हिंदी के उन्नयन, प्रखर, चिंतक, स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी माधव राव सप्रे का जन्म 19 जून 1871 को!

अन्य पर्व!!महेश नवमी।


20 जून 2021::



विश्व शरणार्थी दिवस!

विश्व सर्फिंग दिवस!

20 जून 356 ई0 पूर्व सिकन्दर(अलक्षेन्द्र)का जन्म!

20 जून 1929ई0 बाल विवाह प्रतिबंध अधिनियम को इम्पीरियल लेजिसलिटिव काउंसिल ऑफ इंडिया में पेश व 28 सितम्बर 1929 को पारित।

अन्य पर्व!! गंगा दशहरा।रामेश्वरम प्राणप्रतिष्ठा। भैरव जयंती।


21जून2021:::





अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस!

विश्व मानवतावादी दिवस!!

विश्व संगीत दिवस!!

विश्व सेल्फी दिवस!

विश्व हैड्रोग्राफी दिवस!!

21 जून 1912 को विष्णु प्रभाकर का जन्म!!

21जून 1932 को जगन्नाथ रत्नाकर का देहांत!!

अन्य पर्व!! निर्जला/भीमसेन एकादशी व्रत।



हालांकि सन्त परम्परा में आचार्य/आचरण महत्वपूर्ण होता है।चिंतन मनन, नजरिया, आस्था/भाव महत्वपूर्ण होता है। प्रतिपल, प्रति श्वास मालिक, सार्वभौमिक ज्ञान, सार्वभौमिक प्रार्थना  के आंतरिक मनन में रहना आवश्यक होता है। तब जीवन में इन पर्वों के महत्व को नकारा नहीं जा सकता। किसी ने कहा है कि हमें कम से कम सांसारिक वस्तुओं के भोग में रहना चाहिए। जो कि महाव्रत के बिना, यम के बिना निरर्थक है।

#अशोकबिन्दु




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