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बुधवार, 2 जून 2021

अशोकबिन्दु::दैट इज....?!पार्ट 22

 पिता जी #प्रेमराज अपने अंतिम समय में कहने लगे थे- हम अब तो ब्रह्मांड में विचरण करते रहते हैं।सायण के मंत्र मेरे दिमाग में गूंजते रहते हैं। लगता है #हनुमान भी पीछे छूट गए है। वे खड़ी बोली व संस्कृत के वाक्य इस्तेमाल करने लगे थे।तब हम पहली बार सायण का नाम जाने थे।हालांकि हमारा सूक्ष्म शरीर अनेक बार विजयनगर राज्य क्षेत्र,कोलार, मनपक्कम आदि की यात्रा पर जाता रहा है।


खैर....


मालिक को धन्यवाद.... इस आभास के लिए!

#अशोकबिन्दु


03मई2021ई0,

करपस क्रिस्ट्री पवित्र गुरुवार!!

गुरुवार,06.30am!!


" असन्तुष्ट का पैदा होना खतरनाक है और असन्तुष्ट को दबा देना या खत्म कर देना और भी ज्यादा खतरनाक है।शिक्षा किसी को खत्म करना नहीं है वरन रूपांतरण है।"


  #महाकाल का विराट रूप/विश्व रूप!!


पक्ष -विपक्ष से ऊपर उभरो, पसन्द-नापसन्द से ऊपर उभरो, अच्छा बुरा से ऊपर उभरो! सिर्फ कर्तव्य ही कर्तव्य की स्थिति-निष्काम की स्थिति है।


विजयनगर राज्य के महामात्य, सेनापति व प्रथम वेदभाष्यकार-#सायण ने जब कहा था कि एक #कुनबी #कुटम्बी सर्वशक्तिमान होता है।सायण किस स्थिति की ओर संकेत कर रहे थे?

#बसुधैवकुटुम्बकम #विश्वबंधुत्व


#करपसक्रिस्ट्रीपवित्रगुरुवार


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