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शनिवार, 4 दिसंबर 2010

भीम राव अम्बेडकर पुण��य तिथि

ब्राह्मण मत के ग्रन्थोँ मेँ ही कहीँ लिखा गया है कि जन्म से सभी शूद्र होते हैँ.संस्कार ही उन्हेँ आगे बढ़ाते हैँ.भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन व संवैधानिक विकास मेँ भीमराव अम्बेडकर की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी.अपने जीवन के अन्तिम समय मेँ बौद्ध मत स्वीकार करते हुए उन्होने कहा था कि मैँ सनातन संस्कृति का नुकसान नहीँ करना चाहता.वे भारतीय जाति प्रथा,छुआ छूत,आदि अन्धविश्वासोँ के खिलाफ जीवनपर्यन्त संघर्ष करते रहे थे.आजादी के बाद भी देश के विकास मेँ उनकी अग्रणी भूमिका थी लेकिन भारतीय समाजिकता का दंश कहेँ या अन्य पूरे मानवीय समाज के लिए श्रेष्ठ चिन्तन व व्यवहार रखने वाले वे समाज की कुछ जातियोँ मेँ सिमट कर रह गये और वह भी कुछ लोगोँ के बीच.कौन महापुरुषोँ के रास्ते पर चलना चाहता हैं,सिर्फ वाद चलाने के सिवा.