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गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

अतीत को पकड़ने का नहीं!!जीवन तो वर्तमान की निरन्तरता जो हमारा भविष्य बुने:::अशोकबिन्दु

 बस, कलेण्डर/पंचांग बदल रहा है।


आत्मा वही, मन वही... धारणाएं वही.....

परिवर्तन की स्वीकार्यता किस स्तर पर है?

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