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बुधवार, 23 दिसंबर 2020

गीता में महाकाल का विराट रूप में कोरोना!!? ::अशोक बिंदु


 #कोविड20


खुदा व सुप्रबन्धन!!कुछ तो है जिस पर पूरा ब्रह्मांड हावी है?!::अशोकबिन्दु

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राजीव दीक्षित के प्रशंसक कुछ और कहते हैं, व मीडिया कुछ और कहती है!इन सात आठ महीनों में आयुर्वेद,हैम्योपैथी, यूनानी,योग पध्दति में लगे लोगों की सफलता पर मीडिया को कोई मतलब नहीं।


खुद या खुदा... कुदरत व आयुर्वेद आदि!! ऐसे में कुछ लोगों को कोरोना कोरोना एक षड्यंत्र  नजर आता है। 


हममें भी बार बार विचार कौंधता है चलो ठीक, लेकिन 2019 तक मरने वालों, बीमार होने वालों के आंकड़े उजागर किए जाएं और उसकी  वर्तमान कोरोना संक्रमण काल से तुलना की जाए।


हम कहना चाहेंगे कि गीता में महाकाल के विराट रूप के दर्शन पर भी चिंतन कीजिए। अनन्त यात्रा सम्बन्धी पुस्तकों की सामिग्री पर भी चिंतन कर देखिए। अंतरिक्ष की घटनाओं पर विचार कीजिए.....कुछ है जिसमें सब बन्धा है। उसके सामने कोरोना - महाकोरोना  की क्या औकात?!

अपनी आत्मा से जुड़िए।

परम्+आत्मा=परम् आत्मा / परमात्मा !!

स्वच्छता, दिनचर्या, फिजिकल डिस्टेंसिंग, योग,आस्था,आयुर्वेद आदि का सनातन महत्व है।


#कोविड20


#राजीवदीक्षित


कोरोना 


बस!पूंजीवाद, सत्तावाद, आधुनिक भौतिक भोगवाद,जातिवाद ,किसान विरोधियों, वन्य समाज विरोधियों, दबंग व्यक्तियों, मजहबी व्यक्तियों,एलोपैथी की अति..... आदि का विरोध कीजिए। 


हर हालत में मजबूर, शालीन, सच्चे, ईमानदार, गरीब, प्रकृति, जीव जंतुओं, बुजुर्ग व्यक्तियों,महिलाओं, बच्चों, पुस्तकों, महापुरुषों, हर समाज सेवी की कोशिशों, हर अच्छी बातों ,समाज व देश की समस्याएं उठाने वाले हर व्यक्तियों आदि का सम्मान कीजिए।उनका अपमान बर्दाश्त मत कीजिए। जानबूझ कर किसी को कष्ट मत दीजिए। बस, हो गया भजन!हो गयी पूजा।।हो गया धर्म!!


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