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गुरुवार, 22 अक्तूबर 2015

अपने मालिक की सुनें!!!!

अपने मालिक के निर्देशन पर बस चलते रहो📢📢
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लोग आपके बारे में क्या कहते हैं ?इस बारे में ध्यान मत दीजिए.जरूरी नहीं आपका जो नजरिया है बह
उनका भी हो? यदि आपका नजरिया दर्शन व महापुरुषों के सन्देशों से मिलता है तो आपको चिंता करने की जरूरत नही है.क्यों न लोग आपको पागल सनकी ही क्यों न समझें? आपने स्तर के लोगों को अपने से जोड़ते रहें.आपका जो आदर करते हैं उनका आदर करते रहें. व अन्य पर दया.
...........ये समाज?समाजिकता?सामाजिकता के दंश????
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