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शुक्रवार, 28 अगस्त 2015

हमारी इच्छाएं देश के लिए?

[8/19, 8:12 PM] ashok kumar verma: मोदी ये करें तो जाने::आम आदमी की आबाज!!
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@सरकारी स्कूल में ही पढ़ने जाएँ विधायक,संसद,मंत्री,अधिकारी आदि के बच्चे!

@ सरकारी योजनाएं पूंजीपतियो के साथ बैठकर नहीँ वरन आम संस्थाओं(नागरिक कमेटियों) के विचारों के आधार पर हो.

@किसानों को उनकी उपज की कीमत का निर्धारण करने का अधिकार किसान कमेटियों को दिया जाये

@परिवार व गांव जीवन के आधार को लेकर रोजगार व् स्वरोजगार नीतियां बनाई जाएँ.प्रत्येक परिवार व उसके सदस्यों की योग्यता व उनकीसमस्याओं केआधार पर रोजगार नीति सीधे परिवारों सेजोड़ी जाये

@इंटर पास करते करते सभी का रोजगार निश्चित किया जाये।.ऐसा नही की बीटेक करने वाला बीटीसी कर स्कूल में मास्टर बन बैठे और जो वास्तव में टीचर बनना चाहे वह इधर उधर प्राइवेट पढता फिरे
@बेरोजगारी समाप्त करने के लिए सभी की रूचि का सम्बंधित विभाग की वेबसाइड में रजिस्ट्रेशन कर सभी को 10 हजार रुपए मानदेय पर 10 साल की ट्रेनिंग पर रखा जाये.
@नौकर शाही में ऐसे लोग न रखे जॉय जो सिर्फ मानदेय या वेतन के लिए रखे जाएं ?समजसेबा व देश सेबा मकसद होना चाहिए !जो समजसेबा व् देश सेबा के लिए अपनी जान तक देने को तैयार ही और उसे सरकारी नौकरी न मिले ये देश के सामने सबसे बड़ी कमजोरी है.यही भ्र्ष्टाचार का सबसे बड़ा कारण है.
@प्राइवेट संस्थाओं /स्कूल्स में कर्मचारियों का वेतन संस्थाओं/स्कूल्स के बैंक खाता से कर्मचारियों  के खाता में भेजने का सख्त कानून आना चाहिए
@आज कल 70 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं .इसके लिए सर्वप्रथम माता पिता दोषी हैं.माता पिता बनने का अधिकार सबको न दिया जॉय.इसके लिए नया परिवार नियमन कानून बनना चाहिए.जो अपनी समस्याओं से नहीं निपट सकता वह भावी पीडी की समस्याओं से कैसे निपटे?
@शिक्षा में भरी बदलाव की आवश्यकता है.व्यवहारिक व प्रयोगात्मक शिक्षा पर बल दिया जाना चाहिए.
[8/20, 2:06 PM] ashok kumar verma: जगत का आकर्षण है --ब्रह्म.शरीर का आकर्षण है--आत्मा.लेकिन ये बात हमे समझ में नहीं आ सकती बिन अनुभव के.क्योकि हमारा (मन) का आकर्षण बना हुआ है--प्रकृति आकर्षण अर्थात जगत आकर्षण..
[8/20, 2:08 PM] ashok kumar verma: कृष से बना है --कृष्ण,कृष से   
ही क्रिश्चियन बना है.कृष का अर्थ है -आकर्षण.

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