संसार में जो भी है वह निरर्थक नहीं है ।
किसी न किसी स्तर पर उसकी आवश्यकता है।
यहां पर हम नकल करने की प्रवृत्ति पर जिक्र कर रहे हैं।
नकल करने ,कल्पना करने ,चिंतन, मनन ,स्वप्न आदि का भी जीवन में कब बड़ा महत्व है ।जब हम जो बनना चाहते हैं उसके लिए मन से भी चिंतन मनन कल्पना सपना विचार भावना आदि मन में कर लेते हैं और उस आधार पर मेहनत मरते हैं, नियमितता जीवन में लाते हैं तभी कल्याण होता है
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