यहाँ तीन मार्च को विधानसभा का चुनाव है. आज जो कह रहे है कि मतदान आवश्यक है ,उनसे मेँ 02मार्च को सभी उम्मीदवारोँ के ब्योरा साथ बात करने को तैयार हूँ कि मैँ क्योँ किसी को वोट दूँ ? मेरी कसौटी पर तो कोई खरा नहीँ उतरता तो मैँ किसे वोट दूँ ?मैँ नशाखोरोँ ,अपराधियों ,जातिवादियोँ ,आदि का नेतृत्व व संरक्षण करने वालोँ को कैसे वोट दे सकता हूँ ?यदि ऐसे मेँ मैँ जब किसी को वोट नहीं दे सकता तो क्या मैँ अलोकतान्त्रिक हूँ ?क्या अपराधियोँ ,विभिन्न क्षेत्रोँ के माफियाओं , आदि को वोट देना क्या लोकतांत्रिक है ?
इस देश मेँ जिस दिन बुद्धिजीवियोँ व मानवतावादियोँ के हाथोँ नेतृत्व आयेगा तभी देश का उत्थान होगा व पुन: जगतगुरु बनेगा..
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