मगर देश रहना चाहिए .
कुर्बानियोँ के ढेर पर
अब हमेँ सज जाना चाहिए !
अन्ना हो या रामदेव ,
हर किसी को तेरा प्यार चाहिए .
देश हित बुलन्द आवाज जो
उससे अपना स्वर मिलाना चाहिए.
इतिहास है गवाह
कुर्बानियोँ ने ही सजाया देश है .
निजस्वार्थोँ को त्याग कर
मानवता का हो जाना चाहिए.
हम मनुज सब एक हैँ ,
हर वस्तु को बनाया खुदा ने .
तो क्योँ करेँ नफरत किसी से
बस ,सच्चाई हित जी जाना चाहिए .
कुर्बानियोँ से भी क्योँ डरेँ ?
कुर्बानियोँ के ढेर पर -
अब हमेँ सज जाना चाहिए ,
अब हमको सज जाना चाहिए
कुर्बानियोँ के ढेर पर
अब हमको सज जाना चाहिए ,
हम रहेँ चाहेँ न रहेँ
देश रहना चाहिए . .
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