सोमवार , 23 जनवरी 2012ई0; आज देश नेता जी सुभाष चन्द बोस को याद कर रहा है .सुभाष बाबू की याद आते ही हमेँ सन 1937ई से कांग्रेस का चरित्र संदिग्ध लगने लगता है .सुभाष जी की प्रसिद्धी को तब ही कांग्रेस सम्भवत: पचा नहीँ पा रही थी ? जापान पर अमेरिका द्वारा परमाणु हमला के बाद जापान के सहयोग से 'दिल्ली चलो' अभियान प्रारम्भ करने वाले सुभाष बाबू ब्रिटिश सेना से जंग बीच मेँ ही छोंड जब बापस जापान जाने लगे तो ब्रिटिश सरकार के अधीन रेडियो चैनल्स ने कह मजाक उड़ायी कि 'दिल्ली चलो ' का नारा देने वाले वापस लौट चले है और.....?! तब सुभाष बाबू ने कहा कि 04 फरबरी का इन्तजार कीजिए .
इसके बाद क्या हुआ ? इतिहास गवाह है .नौसेना विद्रोह ........?! भारत मेँ ब्रिटिश शासन के स्तम्भ और कर्मचारी हड़ताल पर उतारु हो गये .आजाद हिन्द सरकार व फौज के कर्मचारियोँ के खिलाफ ब्रिटिश कार्यवाही से देश की जनता व भारतीय कर्मचारी बैखला गये और भारत छोड़ो आन्दोलन सुभाषमय व समाजवादी होकर काफी तीव्र हो गया था .
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