सब कुछ होगा?जातिवाद के खिलाफ कुछ न होगा? जातिवादी समाज के कथन??
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इलेक्शन भी झाड़ है-- चमार,तेली,ठाकुर सभी के हाथ जोड़ने पड़ते है.
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हमारे गांव से एक ठाकुर,एक धीमर,एक चमार खड़ा है.
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अरे साला तेली सुबह सुबह वोट मांगने घर में आ घुसा.गनीमत थी कि अभी नहाया धोया नहीं था.
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वो साला चमार ,हमारे सामने खड़ा होगा?ठाकुर की मुछ नीचे नहीं होने दूंगा.साम,दाम,दण्ड से उसे बैठा ही देंगे.
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मेहतर के घर जा उसकी खटिया पर बैठना पड़ गया.नहाये लेता हूं.उसके दरबज्जे पे कभी न जाता,उसके अंडर में 50 वोट है,ये इलेक्शन जो करवाए ठीक ही है.
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इस चुनावी दौर में मेहनत कर लो,एक बार जीत जाएँ फिर इन चमट्टा,कुरमेटन के घर छोडो उनकी ओर देखना तक पसन्द नहीं करेगे.
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आदि
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बुधवार, 14 अक्टूबर 2015
जातिवाद ?हाय !जातिवाद!
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