किसी ने कहा है कि जिसके जीवन मेँ ऐसा कोई लक्ष्य नहीँ जिसके लिए हम मर सकेँ ,उसका जीवन निरर्थक है .गुरु तेगबहादुर बलिदान दिवस व गुरु गोविन्द सिंह के जीवन से हमेँ प्रेरणा मिलती है कि हमेँ अपने मिशन के लिए क्या होना चाहिए .गुरु तेगबहादुर सिंह को बलिदान की प्रेरणा उनके पुत्र गोविन्द (बाल्यावस्था) से मिली. गोविन्द ही आगे अपने पिता के न रहने पर गुरु की पदवी पर विराजमान हुए .अपने पुत्रोँ को उन्होंने बलिदान के लिए प्रेरित किया.पंचप्यारे की घटना से भी बलिदान की प्रेरणा मिलती है .
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