विवाहित हिन्दू स्त्रियां प्रतिवर्ष करवाचौथ पर्व मनाती हैँ. किसी विद्वान का मानना है कि ये पर्व कभी सिर्फ राजस्थान मेँ मनाया जाता था.इसमेँ कितनी सच्चाई है ये तो रिसर्च का विषय है.लेकिन मेरे अन्दर एक सवाल कौधता रहता है कि ऐसे पर्व पुरुषोँ के लिए क्योँ नहीँ?ऐसे पर्व पुरुष प्रधान समाज की देन हैँ.हाँ ,एक बात और करबा,सुराई आदि आकार के बर्तनोँ का प्रयोग कभी रेगिस्तान ,अरब आदि क्षेत्र मेँ जल के दुरपयोग को कम करने के लिए करते थे.इन्हीँ क्षेत्रोँ मेँ चांद का भी बड़ा सांस्कृतिक व भौगोलिक महत्व रहा है.
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