किया.अभी तो पार्टी का नाम भी रखा जाना बाकी है .भ्रष्टाचार के विरुद्ध
लड़ रहे अरविन्द के घोषणा पत्र से ऐसा लगता है कि वह खुद इधर उधर के
चाटुकार राजनीतिज्ञोँ से घिरे हुए हैँ और अन्य राजनैतिक दलोँ की भांति
जनता को लुभाने वाले मसले डीजल पेट्रोल गैस के दामों की घोषणा कर रहे हैँ
,वह भी डेढ़ साल बाद की .इस तरह की बातें तो सभी राजनैतिक दल करते हैँ
.उनसे अपेक्षा है कि वह स्पष्ट बताएं और मापदण्ड निर्धारित करेँ कि किस
प्रकार के लोगोँ को वह अपनी पार्टी की सदस्यता देंगे ?उनमेँ क्या क्या
खूबियां होनी चाहिए ?सिर्फ लोकपाल बिल एजेण्डा न होकर रोजमर्रा के जीवन
मेँ भ्रष्टाचार से कैसे लड़ा जाएगा,इस पर भी बात होनी चाहिए .कैसे और कहां
लोग अपनी समस्या बताएं ? सभी जानते हैँ कि चुनावोँ मेँ 80से90प्रतिशत
काले धन का इस्तेमाल होता है .जो लोग ये पैसा देते हैँ वह अपने प्रत्याशी
खड़े करना चाहते हैँ .प्रत्याशियोँ की परख कैसे होगी ?देश के हालात देखकर
ऐसा लगता है कि आने वाले चुनावोँ मेँ जनता कांग्रेस से दूर भागेगी परन्तु
किसके पास ?अरविन्द के पास अच्छे विकल्प होने चाहिए न कि वही घिसे पिटे
पुराने मुद्दे .दूसरे दलोँ से निकाले गये या लिफ्ट न मिलने पर रिजेक्ट
लोगोँ से कैसे परहेज करेंगे ?अभी तो जनता को यही पता नहीँ है कि अरविन्द
केजरीवाल से कैसे मिला जाए ?
- डा.आनन्द अखिला
MERI NAJAR मेरी नजर :
(1) वार्ड व गांव स्तर पर बौद्विक कमेटियां गठित की जायेँ ,जिनमेँ
प्रत्येक जाति के लेखक ,वकील ,शिक्षक आदि शामिल किए जायें .
(2)प्रत्याशियोँ के चयन के लिए नारको परीक्षण अनिवार्य किया जाना चाहिए .
(3)प्रत्याशी आय व्यय का बजट जनता के सामने रखेँगे
(4)नामांकन के वक्त एक शपथ पत्र लगाना अनिवार्य हो जिसमेँ घोषणा की गयी
हो कि वादोँ को न निभाने पर इस्तीफा दे दूंगा .
(5)चुनाव क्षेत्र मेँ अधिक जनसंख्या वाली जाति के व्यक्ति को तभी
प्रत्याशी चुना जाएगा जब वह जाटव , वाल्मीकि जाति के लोगोँ के घर जा कर
भोजन ग्रहणकरता हो व क्षेत्र मेँ गैरजाति मेँ विवाह करने वाले युवक
युवतियोँ की मदद करता हो .
(6)अन्य
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