Powered By Blogger

गुरुवार, 19 जुलाई 2012

विज्ञान का ईश्वरीय कण !

विज्ञान का ईश्वरीय कण प्रकृति की ही बात है जो कि शिव (कल्याण)कण के
अर्द्धनारीश्वर घटना (नाभिकीय विखण्डन) के बाद का है .


ब्लैकहोल के बाद अनन्त भगवान !

इस जगत मेँ जो भी ईश्वर हैँ वे इसी जगत के हैँ व बुद्धत्व को प्राप्ति के
पहले के हैँ . बुद्धत्व के बाद शून्य है .जिसके बाद फिर ब्लैक होल अवस्था
है .ब्लैक होल के बाद कहीँ अनन्त भगवान हैँ . जहाँ तक श्रीकृष्ण व
श्रीकृष्ण के साथ अर्जुन जैसे ही पहुँच सकते हैँ .

सागर मेँ हम कुम्भ !

चेतना रुपी सागर मेँ हम व हमारा जगत कुम्भ के समान है जिसमेँ भी सागर
समाया है .कुम्भ टूट टूट कर विखर भी जाता है तो भी वह सागर लीन है .हमारा
शरीर व प्रकृति चेतना के बीच ही बनती बिगड़ती है .


ब्लैक होल की खोज !
<www.akvashokbindu.blogspot.com>
ईश्वरीय कण की खोज के बाद भी काफी कुछ बाकी है खोजना .ब्लैक होल पर से
रहस्य के पर्दे उठना जरुरी है .जो भी अभी खोजा जा चुका है वह व्हाईट का
है ,अभी तो व्हाईट का ही काफी कुछ खोजा जाना बाकी है . ब्लैक का खोजना तो
काफी दूर का मसला है .वैसे तो बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद हम अद्वैत मेँ
प्रवेश कर जाते हैँ लेकिन वह अद्वैत इस जगत मेँ अन्तर्मन के लिए ही है
.बुद्धत्व के बाद शून्य के बाबजूद भी द्वैत है ,व्हाईट व ब्लैक का .ब्लैक
का खोजना बाकी रह जाता है .

BY : ASHOK KUMAR VERMA 'BINDU'
<www.twitter.com/AKVASHOKBINDU>

कोई टिप्पणी नहीं: