जनतंत्र मेँ शासक चुनने की शक्ति जनता मेँ निहित होती है .अभी तक संसद व विधानसभा मेँ जो अपराधी चुन कर जाते रहे हैँ उनको चुनने के लिए जनता ही दोषी है. आगामी संसद व विधानसभा सत्रोँ मेँ क्या कोई अपराधी चुनकर संसद या विधान सभाओँ मेँ नहीँ जाएंगे क्या ? यदि जाएंगे तो इसके लिए जनता ही दोषी होगी .
हरहालत मेँ जनता ही दोषी है .जनता आखिर भ्रष्टाचारी व अत्याचारी को चुनती ही क्योँ है? इसका मतलब क्या ये है कि उन्हेँ चुनने वाली जनता ही क्या भ्रष्ट नहीँ ?
अशोक कुमार वर्मा 'बिन्दु'
संस्थापक ,
मानवता हिताय सेवा समिति,उप्र
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