06जुलाई 1935ई0!! दलाई लामा जन्म दिन..... "सभी समस्याओं का हल विश्व सरकार है। जब 'बसुधैब कुटुम्बकम'-तो कैसा भेद? कैसा द्वेष ?क्या देश द्रोह क्या विदेश सहयोग व वैश्विक आचरण?" गीता के 13 अध्याय में क्षेत्र(देश) किसे कहा गया है?क्षेत्रज्ञ(देश को जानने वाला) किसे कहा गया है? ऐसे में स्व देश क्या है? स्व धर्म क्या है?स्व तन्त्र क्या है? स्व अभिमान क्या है?आत्म निर्भरता क्या है?आत्म प्रतिष्ठा क्या है?आत्म सम्मान क्या है?प्राण प्रतिष्ठा क्या है? सनातन क्या है? इन सवालों का एक ही उत्तर-आत्मा व अपना शरीर। ऐसे में योग है, जोड़!!अपने स्थूल+सूक्ष्म+कारण की आवश्यकताओं के प्रबन्धन का संतुलन। सागर में कुंभ कुम्भ में सागर! उत्तरकांड, रामचरितमानस में भी कहा गया है-रोगों व दुखों का कारण है अज्ञानता में जीना।यदि हम रोगों व दुखों से घिरे हैं तो इसका मतलब है हम अज्ञानता में जीते रहे हैं?यही न?!
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