@रक्षा बन्धन पर्व क्या औचित्य?????
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एक तथाकथित आर्य कहते हैं--रक्षा बन्धन का क्या औचित्य?हमारी नजर में रक्षा बन्धन,करवा चौथ,भैया दूजआदि पर्व लिंग भेद का प्रतीक है.जिन परिस्थितियों में रक्षा बन्धन(पर्व नहीं) उन परिस्थितियों में 'रक्षा का सङ्कल्प' दर्शन में था.
आज की परिस्थितियों में में जब 'लैंगिक असमानता' को गैरक़ानूनी व अमानवीय कहा जाता है तो ये अनुचित है?अब रक्षा सङ्कल्प के हेतु बदलना चाहिए व सार्वभौमिक हो जाना चाहिए.तुम विकास के पथ पर आज प्रकृति को मार रहे हो,प्रकृति की रक्षा का सङ्कल्प लो!मानवता की रक्षा का सङ्कल्प लो!
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अशोक कुमार वर्मा "बिंदु"
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