हम भी इंसान हैँ वो भी इंसान हैँ
हिन्दू मुसलमाँ सिक्ख ईसा-
हम सब एक हैँ ये नाम यहीँ के
हमसब एक हैँ हम भी इंसान हैँ .
कुदरत ने न बनायी जातियाँ हैँ
कुदरत के न बनाये ये मजहब हैँ ,
इन्सान को कुचलने वालोँ को कुचल दो
हम सब एक हैँ हम भी इन्सान हैँ .
हमारा मन रोया दिल तड़फा है
किसलिए ?इसलिए कि जाति मजहब ने ,
जाति मजहब ने हमारा ईमान तोड़ा है .
दोष था इतना हमारा-
हमने न खुदा ढ़ूँढ़ा धर्मस्थलोँ मेँ
हर इन्सान लगा काफिर हमेँ
खुदा की ही बनायी वस्तुओँ को रौंदा है .
अपने को पहचान दो ,
अपने को क्या इन्सान पहचाना है ?
हम सब एक हैँ ,हम सब एक हैँ ,
हमसब एक है हम भी इंसान हैँ .
<ASHOK KU. VERMA 'BINDU'>
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संस्थापक <
manavatahitaysevasamiti,u.p.>
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