पीले वस्त्रोँ पीछे छिपा दर्शन क्या है ?
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प्राचीन काल मेँ ग्रहस्थ जीवन की शुरुआत अर्थात शादी पीले वस्त्रोँ को
पहन कर क्योँ होती थी ?अब हिन्दू ग्रहस्थ पीले वस्त्रोँ को महत्व क्योँ
नहीँ देते?क्या ग्रहस्थ पीले वस्त्रोँ का प्रयोग नहीँ कर सकता ?या हिन्दू
अपने दर्शन से विचलित हो गया है ?
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संस्थापक <
manavatahitaysevasamiti,u.p.>
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