(मानवता प्रकृति व सार्वभौमिक ज्ञान पर समाजिकता का दबाव व चोट!)
कल एक व्यक्ति मिले! वे मन से भी दुःख व रोग में घिरे दिखे।
मानव किसकी शरण में है?
उत्तरकाण्ड, रामचरितमानस में कहा गया है कि मनुष्य के दुःख व रोग का कारण उसकी कामनाएं हैं।
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