भगवान व कर्म!!
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हमें अब सिर्फ भगवान व कर्म(कर्तव्य) के लिए ही जीना चाहिए।
कोरोना संक्रमण के दौरान व अन्य मुसीबत में हम जान गए हैं कि इंसान का वास्तव में धर्म क्या है? कहीं यदा कदा ही कोई धर्म में दिखता है।
दुकानदार मौके का फायदा 10 रुपये की चीज 20 रुपये में बेच कर उठता है।
बड़ी मेडिकल संस्थाएं मानव अंगों की तस्करी कर...?!
विभिन्न प्राइवेट संस्थाएं अपने कर्मचारियों को लात मार बाहर कर...?!
अपना जिसे कहते थे, वह भी दूरी बना कर...!?
खानदानी भी हमारी सम्पत्ति पर कुदृष्टि नजर रख कर..?
संस्थाएं चापलूसी, हाँहजुरी आदि में...
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आदि आदि......?!
#अशोकबिन्दु
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