सोमवार, 28 मार्च 2011

WIKILEAKS :चोट दंश पर

WIKILEAKS वर्तमान मे अन्तर्जाल वैचारिक क्रान्ति के पथ पर हम जैसे लड़खड़ाते पथिकों का उत्साह व साहस है.अपने ईमान पर पक्का होने के लिए दवाई की पुड़िया है.
दूध का दूध पानी का पानी होना ही चाहिए.



विकिलीक्स के पास क्या अमेरिका मे ओशो के साथ व्यवहार,चे ग्वेरा के साथ हुए व्यवहार,सुभाष चन्द्र बोस व लाल बहादुर शास्त्री के मृत्यु सम्बन्धी दस्तावेज , भिण्डरावाले व लिट्टे को शिखर पर पहुंचाने वाली पार्टी, बोडो आन्दोलन को आश्रय देने वाले,आदि पर भी क्या कुछ भी सामग्री उजागर करेगी?कुछ दिनों से उसकी निगाह भारत पर है,अच्छा है.नेताओं व नौकरशाहों की असलियत जनता के पास आनी ही चाहिए.



कुछ भारतीय नेताओं व पार्टियों के सम्बन्ध मे कुछ तथ्य उसने उजागर किए ही ,भारत के दलितों पर भी उसकी नजर गयी और विश्व स्तर पर सवर्ण की सोंच उजागर हुई.देखा जाये सवर्ण वर्ग सनातन धर्म के पथ पर अवरोध बना हुआ है. जाति व्यवस्था को खत्म कर वर्ण व्यवस्था (श्रम विभाजन) को वह शायद अनेक पीड़ीयोँ तक नहीं चाहेगा ?वाल्मीकियों को छोंड़ गैरसवर्ण भी जाति भावना से भरे हुए हैं. रोजमर्रे में हिन्दू हिन्दू के नाम से हिन्दू के साथ सृजनात्मक व्यवहार नहीं रखता.अपने को कट्टर हिन्दू कहलवाने वाले हिन्दू वाल्मीकियों द्वार मनायी जाने वाली वाल्मीकि जयन्ती
समारोह के आस पास तक नजर नहीं आते.



हिन्दुओं के विखराव के लिए कौन दोषी है?क्या दलित व वाल्मीकि हिन्दू नहीं?
उनसे दूरियां क्यों?तो ऐसे मेँ एक हजार वर्ष पहले क्या गलत हुआ कि समाज में उपेक्षित वहिष्कृत लोगों ने मो0गौरी व गजनवी का समर्थन किया या अब नक्सली हो रहे है या धर्म परिवर्तन कर रहे हैँ ? खैर...





WIKILEAKS को बहुत बहुत धन्यवाद !

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