गुरुवार, 10 जून 2021

कटरा, हम व श्रीरामचन्द्र मिशन! ::अशोकबिन्दु


 कटरा, हम व श्रीरामचन्द्र मिशन! ------------------------------------------ आत्म प्रेमियों! आजाद हिंद फौज और सरकार श्री रामचंद्र मिशन संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण हो चुकी हैं हमारे शिक्षण कार्य को 25 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं।अश्विन, शुक्ल द्वितीया,02अक्टूबर को हम यह आत्मा शरीर धारण कर पृथु महि पर आये।होश सँभालते ही हम ध्यान(मेडिटेशन) से जुड़ गए।योग का सातवां अंग है-ध्यान। योग के कुल08 अंग हैं-यम,नियम,आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान समाधि। हमारा सौभाग्य है कि हमारा कार्य क्षेत्र कटरा विधानसभा क्षेत्र बना हमने जाना है।हमने जाना है-कटरा नाम के मोहल्ला, कस्बा, शहर देश में अन्यत्र भी हैं।सम्भवतः इन कटरा नाम की स्थापना का श्रेय अग्रवाल क्षत्रियों को जाता है। हमारा सन1996-97 ई0 में नया चरण शुरू हुआ। कबीरदान, गढ़ी, पुवायां(शाहजहांपुर)उप्र से श्री राजेन्द्र प्रसाद मिश्रा से से संपर्क के बाद हम श्री रामचंद्र मिशन के साहित्य से परिचित होना शुरू हुए इससे पूर्व पिता श्री प्रेम राज वर्मा गांव श्यामा चरण वर्मा फूफा जी मथुरा प्रसाद वर्मा आज से शाहजहांपुर के बाबूजी महाराज के बारे में मामूली चर्चा शुद्ध चुका था जिन्होंने सन् 1945 में हजरत के बुला मौलवी फजल अहमद कहां साहब रायपुर के शिष्य श्री रामचंद्र जी महाराज फतेहगढ़ के नाम से श्री रामचंद्र मिशन की स्थापना की सन 1945 में ही संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गई भविष्य में धर्म नए रूप में पश्चिम से अवतरित होगा इसका श्रेय विदेश में बसे भारतवंशियों को होगा। 25 दिसंबर 2014 को श्री ब्रह्मधार मिश्रा, रामनगर कालोनी, कटरा(शाहजहांपुर),उप्र में श्री रविन्द्र सिन्हा के द्वारा हमने प्रथम सिटिंग(प्राणाहुति)प्राप्त की।हालांकि हमने यदा कदा किशोरावस्था से ही प्राण शक्ति, सूक्ष्म शक्ति को प्राप्त किया है।हमारे व जगत के तीन स्तर/रूप हैं-स्थूल,सूक्ष्म व कारण।जिससे मिलकर ही सम्पूर्णता(all, अल)बनती है।जिसका अहसास हमें कभी कभार होता रहा है।25 दिसम्बर 2014 ई0 से इस मामले में नया मोड़ आया। सन 2004-05 ई0 से ही हम सहज मार्ग राजयोग में संवाद होने को तीब्र लालयित हो गए थे। इस दौरान हमारा अनेक आज अध्यात्म शक्तियों से संपर्क भी हुआ । सन 2013 और 2014 में ब्रह्मकुमारी संस्था से कुछ ब्रह्मचरिणीयों का अनुभव अपने करीब में अनुभव किया। रेहान बेग के साथ इस बीच ग्राम इन्दर पुर कविंद्र यादव के पास भी पहुंचा।वहां अनुकूल वातावरण देखा।लेकिन उस वक्त कविंद्र यादव इस रास्ते पर नहीं थे।हम सूक्ष्म जगत के मैसेज ठीक से पकड़ न सके, उनको ठीक से उन मैसेजेस को पकड़ा न पाया।कोशिश की।इसी दौरान लालाजी महाराज अर्थात श्रीरामचन्द्र जी महाराज फतेहगढ़ से सूक्ष्म में मुलाकात हुई। पार्थ सारथी राजगोपालाचारी 'चारी जी' के समय से ही सूक्ष्म प्रयत्न का अभ्यास होने लगा था। उनके जाने के बाद श्री कमलेश डी पटेल दाजी दिसंबर 2014 में सहज मार्ग पद्धति के आधार में गुरु और श्री रामचंद्र मिशन के अध्यक्ष बने इसके बाद हार्टफुलनेस ने हमें विकल्प दिया इसको लेकर समाज के बीच जाने का वर्तमान में हम दुनिया के 200 देशों में इस को पहुंचते हुए देख रहे हैं सन 2002 में यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र संघ में मूल आधार शिक्षा की वकालत हुई अब अनेक देशों और राज्य के अंदर अनेक राज्यों की सरकारें इसे किसी न किसी रूप में स्वीकार कर चुकी हैं और स्वीकार कर रही हैं वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं हमें अपने को और जगत को पूर्ण रूप से देखने का प्रश्न करना चाहिए स्थूल सूक्ष्म और कारण के परस्पर संबंध पूर्णता को महसूस करने की बार-बार मात्र को सही करते हैं अपने लिए क्या कर रहे हैं अपने लिए क्या सोचते हैं हम अपनी पूर्णता को महसूस ही नहीं करते हम अपनी स्थूलता सूक्ष्मता को ही महसूस नहीं करते हम अपने लिए करेंगे क्या सोचेंगे क्या? आओ, हम सब साथ साथ चलें। कुछ समय समूह में, परिवार में शांत होकर आंख बंद कर बैठने की आदत डालें। बहुत हो गया दुनिया की चकाचौंध में खो ना आखिर मिला क्या जहां भी देखो वहां सिर्फ दिखावा है और संतुष्टि भेद मतभेद खिन्नता तनाव अहंकार आज सेवा क्या मिला हमें हम अपनी स्वतंत्रता को महसूस करें परिवर्तन व परिवर्तन को स्वीकार करना,शाश्वतता, निरन्तरता है।हमारे अंदर कुछ है,जगत में कुछ है जो स्वतः व निरन्तर है। मीरानपुर कटरा, शाहजहांपुर में स्थित श्री हरि शंकर सिंह, प्रबन्धक श्री बलवन्तसिंह इंटर कालेज का नाम हमने कटरा में आने से पहले ही अपने पिताजी के मुख से सुन रखा था।24नवम्बर2019 को श्री कैलाश चन्द्र अग्रवाल के माध्यम से उन्होंने प्रथम प्राणाहुति प्राप्त की।01दिसम्बर 2019 ई0,रविवार को वह प्रातःकाल ध्यान सत्र में शामिल हुए। हम सब श्री बलवन्तसिंह इंटर कालेज,कटरा में रविवार को प्रातः ध्यान हेतु बैठते रहे हैं। पिताजी श्री प्रेम राज वर्मा के द्वारा हम पहले से ही मंत्री सतपाल यादव और हर शंकर सिंह के बारे में सुनते आए थे उनके कहने के बाद भी हमने इन से मुलाकात नहीं की थी पहली बार हमारी मुलाकात इनसे अजय गंगवार आशु पूर्व प्रधानाचार्य ने कराई थी समय 1 जुलाई 2004 था। व्यक्ति का विद्यार्थीकरण व समूह का कक्षाकरण?! विद्यार्थी मन की बहती है जिसमें व्यक्ति जिज्ञासा सीखने की ललक रखता है वह अंतर्मुखी होता है यदि व्यक्ति विद्यार्थी नहीं तो उसे चाहे कितने भी उच्च विद्यालय या शिक्षक के पास भेज दो शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकता यदि व्यक्ति विद्यार्थी है तो जगत के हर व्यक्ति हर घटना से सीख ले सकता है हम कक्षा या क्लास को भी है एक मनोवैज्ञानिक बतावा और स्थिति मांगते हैं किसी ने कहा है गुरु और शिष्य दो शरीर एक मन होता है एक आत्मा होता है। हम कहते रहे हैं सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है शिक्षा।

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