बुधवार, 28 अप्रैल 2021

रिश्तों से बढ़कर है जमीन, धर्म से बढ़कर है जीत: ऐसी सोंच को वोट है जनतंत्र::अशोकबिन्दु

 29 अप्रैल 2021ई0!

ग्राम प्रधान चुनाव...

जनता  चुने किसे ?ये जनता का जााने  ईमान!

जनतंत्र का मतलब है जनता  का तन्त्र, जनता के लिए तन्त्र।

तन्त्र में गड़बड़ी के लिए स्वयं जनता ही दोषी है।
आखिर जनता ही चुनती है अपना प्रतिनिधि....
ऐसे में वह ही दोषी है, जनता ही दोषी है।
जनता का धर्म क्या होना चाहिए?
जनता का ईमान क्या होना चाहिए?

वे जिन्हें काफिर कहते हैं, उन्हें काफिर क्यों कहते हैं?आखिर काफिर कौन होता है?

हम रात्रि 01.30am पर जाग गए थे।
हम विस्तर से उठ बैठे।
मालिक को साक्षी मैं कर हम चिंतन व प्रार्थना में थे।

" जब खानदान में कोई जगप्रिय महात्मा हो जाता है तो क्या होता है?और जब खानदान में कोई जग प्रिय दुरात्मा हो जाता है तो क्या हो जाता है?"


कुर-वाणी, कुल-वाणी का क्या महत्व रह जाता है?पितर शक्तियों के सन्देशों का क्या महत्व रह जाता है?

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