बुधवार, 8 जून 2011

नारको परीक्षण को अनिवार्य करने की मांग के व���रोधी अपराधी ही !

मैं देख रहा हूँ कि आज की परिस्थितियों में सिर्फ सबूत व गवाह ही काफी नहीं है . लोगों पर दोष लगाना अब भी लोगों के लिए मामूली बात है . ऐसे में नारको परीक्षण व ब्रेन मेपिंग को अनिवार्य करने की मांग के विरोध में खड़े लोगों को मैं अपराधी ही मानता हूँ.वे या तो अपराधों में लीन हैं या तो अपराध करने वालों के अपराध को छिपाना चाहते हैं .विभिन्न पदों के प्रत्याशियों के चयन व नियुक्तियों में भी नारको परीक्षण व ब्रेन रीडिंग अनिवार्य किया जाना चाहिए . मै बचपन से ही देख रहा हूँ और स्वयं झेल भी रहा हूँ कि किस तरह कैसे सीधे साधे या गरीब लोगों को झूठ का शिकार बना अपराधी साबित करने की कोशिस की जाती है और पुलिस भी धनबल व बाहुबल के सहयोग से इस काम में सहयोगी ही साबित होती है.देश के अन्दर अनेक ऐसे केस हैं जिनमें व्यक्ति ने उस जुर्म में सजा काटी है ,जो कि उसने किया ही नहीं है .कुछ समाजसेवियों ,पीस पार्टी अध्यक्ष व बाबा रामदेव के अलावा कितनों ने ताल ठोंक कर नारको परीक्षण व ब्रेन रीडिंग की मांग की है ?जो नैतिक आत्मबल से कमजोर हैं वे कैसे नारको परीक्षण व ब्रेन मेपिंग की मांग कर सकते हैं ? भ्रम,शंका,अफवाह,द्वेष,ईर्ष्या,क्रोध ,आदि में चरित्र ही नहीं जीवन बदल दिया जाता है.ऐसे में अब नारको परीक्षण व ब्रेन मेपिंग का अनिवार्य होना आवश्यक है.

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